Friday, December 6, 2024

Secret to get your work done

"If you have many workers and if you want your work done by one, speak against all other workers and praise him alone, he will definitely be very happily do your work." Unknown 

Lord My Servant is laying Paralysed at Home

"Lord my Servant is laying Paralised at home..." said a Centurion. The verse gives us a very thoughtful insight. Now a days maximum people think only of themselves, their family members and only for their own. People are hired for work and maximum is extracted from them and paid very less. In many places they are treated inhuman way, tourchered and ill treated. No one thinks for them about their basics.  

Today's Gospel speaks about an exampluraly Centurion who is even ready to humble himself before Jesus for the cure of his Servant. Do we bother who help us in our work even though they are paid when they are in need? 

We are preparing for Lord's coming...Lord Jesus comes to us everyday in the form of needy, do we recognize His presence. It's possible only through His grace. Let's help the needy today.

Friday, November 29, 2024

EMMACULATE CONCEPTION OF MOTHER MARY

 

ख्रीस्त में भाई और बहनो

आज हम माता मरियम के निष्कलंक गर्भागमन के बिषय में मनन चिंतन करेंगे। बप्तीस्म संस्कार द्वारा हम अदि पाप से छुटकारा पाते हैं , लेकिन मरियम को ईश्वर ने आदि पाप और ब्यक्तिगत पाप से संरखछित रखा।  मरियम निष्कलंक गर्भागमन हैं : यह एक बिश्वास का सिद्धांत सन 1854 दिसंबर महीने के 8  तारीख को पॉप पिउस 9 वां घोसित किया। इसके चार साल बाद सन 1858 मार्च महीने के 25 तारीख को माता मरियम Bernadetth को लुर्द में दर्शन दी।  Bernadetth ने उनसे पूछी आप कौन हैं,  और मरियम ने उन्हें उत्तर दिया मैं निष्कलंक गर्भागमन हूँ। इससे मरियम उस बिश्वास के सिद्धांत को पुस्टि करती है की मरियम निष्कलंक गर्भागमन हैं, जिसे ईश्वर ने आदि पाप और ब्यक्तिगत पाप से बंचित रखा। याने मरियम जनम के पहले और जनम के बाद भी पवित्र और निष्कलंक थी।  उनमे पाप का दाग नहीं था।  आदि पाप क्या है?

उतपनि ग्रन्थ में कहा गया है आदम प्रथम ब्यक्ति जो मनुस्य जाती का शीर्ष है।  ईश्वर उन्हें आशीर्वाद दिए थे फलो फूलो और दुनिया में फैल जाओ। उनमे भौतिक और आध्यात्मिक जीवन का संचार करना पूरा अधिकार था। लेकिन आदम ईश्वर का आज्ञा को उलंघन किया।  आज्ञा भंग करने के द्वारा ईश्वर से मुंह मोड़ लिया। यह है आदि पाप। ईश्वर का नियम को उलंघन करना और ईश्वर से दूर जाना ही आदि पाप है। क्योंकि आदम मनुस्य जाती का शीर्ष था आदम के साथ सारि मानव जाती ईश्वर से मुंह मोड़ लिया।

बपतिस्मा संस्कार द्वारा हम अदि पाप से छुटकारा पाते हैं।  मसीह ने हमें उनके कृश मरण द्वारा हमें ईश्वर से टूटे हुवे रिश्ते को फिर से जोड़ता है।  येसु हमें पाप से छुटकारा देते हैं।   आज हम सब को अपना मन और ह्रदय को परख ना होगा, क्या में शुद्ध और पवित्र हूँ ?

संत पौलुस एफेसिओं को कहते हैं " उसने संसार की सृष्टि से पहले मसीह में हमको चुना, जिस से हम मसीह से संयुक्त होकर उसकी दृस्टि में पवित्र और निष्कलंक बने। " Eph 1: 4

मति 5:8 में प्रभु कहते हैं "धन्य हैं वे, जिनका ह्रदय निर्मल है। वे ईश्वर के दर्शन करेंगे " पवित्र और निष्कलंक ह्रदय वाले प्रभु के दर्शन करेंगे। प्रभु येसु निष्कलं मरियम से जनम लिए। हम अपनी कमजोरियों को जानते हैं। हमारा मन और ह्रदय का शुद्धता हमें पता है।

मरियम ईश्वर की योजना को स्वीकार की क्योंकि वह निष्कलंक और पवित्र थी। उन्हों ने कहा में प्रभु की दासी हूँ  आपका कथन मुझमे पूरा हो जय। माता मरियम ईश्वर की कृपा पत्रि, ईश की माता ईश्वर के सामने अपने आपको नम्र बनती है। पवित्रता हमें नम्रा बनती है । हम ईश्वर के योजनाओँ को पूरा नहीं कर पाते क्योंकि हम पाप की स्थिति में रह कर ईश्वर से मुँह मोड़ लेते हैं।

एक डाली पेड़ से अलग रह कर स्वयं फल नहीं सकत। John 15:4  उसी प्रकार ईश्वर से अलग रह कर हम ईश्वर के योजनाओं को पूरा नहीं कर सकते।

आज हमें पवित्र और निष्पाप जीवन जीने के लिए आह्वान  किया जा रहा है। पति और पत्नी एक दूसरे के प्रति ईमानदार रहकर, बेटे और बेटियों अपनी माता पिता का अधीनता स्वीकार कर, धर्म समाजी अपनी बुलाहट में दृढ रह कर हम सभी अपना जीवन को पवित्र बना सकते हैं।   

बर्तमान समय में निष्कलंक और पवित्रता का महत्वा धीरे धीरे मानव समाज से समाप्त हो रही है। हम माता मरियम निष्कलंक गर्भागमन के मध्यस्तता द्वारा प्रार्थना करे की वे हमें पवित्र और निष्कलंक जीवन जीने के लिए और ईश्वर के इच्छा को पूरा  करने के लिए आशीर्वाद और कृपा प्रदान करे।

BE LIKE LITTLE CHILDREN

"Let the little children come to me" (Bible)
Today we celebrate Children's Day. A day to reflect upon the importance of Children in  the Family, Society and rejoice with the Children. A day to recall our Childhood and shape our Future.
Today we Pray to God, for all the Children who loves little them Most because their hearts and minds are pure. He also tell us " Be like Little Children" (Bible)
Today many Children are deprived of basic needs. They are rejected, aborted, harassed, molested, abused and face  so many changes around the World. People take advantage of their simplicity and innocence.
Today we entrust them at the hand of God for their protection and Security.
May God bless all the Born/unborn Children.

TASKS TO BE READY TO MEET LORD

Those who prepare themselves to meet their God will be SAVED but those who do not will be PUNISHED. How can one be ready to meet the Lord? There are some task we need to fulfill to do so; keep the commandments God, follow the TEACHING of Jesus, Pray and spend your days in doing charitable work.